जो मिले तुमसे भाग - 1 M K द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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जो मिले तुमसे भाग - 1


" मरहम बनकर जख्म गहरे दिए क्यों ?
आसान नहीं होता है किसी को दिल से भुला जाना
"

थके हारे से एक नव युवक सड़क किनारे खड़ा था , रात के 8 बज रहे थे । आस पास से कई गाड़ियां गुजर चुकी थी ,लेकिन वो लड़का सड़क किनारे से टस से मस नहीं हो रहा था । मानो उसके अंदर पूरा का पूरा समंदर उफान पर था।

आंखों में एक चेहरा की परछाई लिए खामोशी से अंदर ही अंदर रो रहा था ।। वो बात अलग है आस पास के लोग उसे पागल समझ रहे थे ।

आंखों में किसी का इंतेजार भरा दर्द साफ साफ झलक रहा था , लेकिन चेहरे पर खामोशी खिल उठा था ।
मन तो कर रहा था एक पल के लिए किसी गाड़ी के नीचे आ जाऊं पर कुछ था उसके अंदर जिसे ये सब करने से रोक रहा था ।

उसके अंदर से एक आवाज भी आ रहा
था , " तुम कायर नहीं हो , तुम हार नही सकते खुद से ..... तुम्हे खुद को साबित करना होगा । किसी के जाने से जिंदगी एक जगह रुक नही जाती , खुद के अंदर झांको और खुद के प्रतिभा को पहचानो कल को दुनियां तुम्हारे साथ खड़ी होगी ।

जो आज तुम्हे छोड़ कर गई उसे अफसोस हो , तुम्हे छोड़ कर जाना उसकी गलती थी । तुमने तो बस उसका साथ चाहा था जो उसने दिया नही ।
खुद के आंसू को अपनी तागत बनाओ और खुद से लड़ो।

पर कहते हैं न किसी को भुला पाना आसान नहीं होता है खास कर पहला प्यार , जब आपको किसी से होता है ये दुनियां हमें अलग लगने लगती है लेकिन हकीकत कुछ और ही होता है । जिसे हम स्वीकार करने से डरते नही है , स्वीकार करना चाहते ही नही है ।

छोटे शहर से निकल कर बड़े शहर में अपने सपने को लेकर जाना।

शायद उसके साथ कुछ ऐसा ही हुआ था , कहां कोटा (राजस्थान) पढ़ने आया था और कहां छोटे शहर वाले को एक लड़की से इश्क हो गया ।

बात तब तक ठीक थी जब तक दोनों साथ थे और खुद के सपने के साथ बर्बादी की ओर बढ़ रहे थे । शायद बर्बादी से अंजान थे।

पहला प्यार का पहला नशा था।।

प्यार करना गलत नहीं है लेकिन प्यार के आड़ में अपने भविष्य के साथ गलत करना वो सबसे बड़ी गुनाह है ।

________________________________________________

एक घंटे गुजर चुके थे .... देखते ही देखते अचानक मौसम खराब हो गई थी । तारों के जगमगाहट से आसमान में बादल छाने लगा था । हवाओं का रुख भी बदल चुका था । धीरे धीरे हवाएं तूफान का रूप लेने लगी थी वहीं बिजली भी चमकने लगी थी ।

लेकिन वो लड़का अभी भी वहीं खड़ा किसी गहरी सोच में डूबा था ।
शायद वो वहां से जाना नही चाहता था । वो चाह रहा था उसके साथ आज कुछ बुरा हो जाए जिससे उसकी मौत हो जाए ।

लेकिन हर परेशानी का हल मौत तो नही होती हैं ।

देखते ही देखते अचानक बारिश होने लगी , वो लड़का बारिश में भीगने लगा .... आते जाते गाड़ियों का शोर उसे छू कर जा रहा था लेकिन वहां से हट नही रहा था ।

अंदर से पूरी तरह टूट चुका था ।

हर इंसान के जिंदगी में ऐसा कुछ होता है ।।।

समीर .... समीर चल यार यहां से देखो बारिश बहुत तेज है कुछ भी हो सकता है यहां .... काफी सुनसान सड़क है सारे आस पास के दुकान बंद हो चुके है । उसका एक दोस्त तरुण उसका हाथ पकड़ अपनी ओर खींचते हुए अपने साथ चलने के लिए कह रहा था ।

मानो समीर वहां जम सा गया हो .... कुछ हरकत नहीं करने पर तरुण एक थप्पड़ समीर के गाल पे रसीद दिया।

मैं कुछ बोल रहा हूं तुम्हे सुनाई नहीं दे रहा है, वो तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है कभी वापस न आने के लिए।।

समीर का सब्र का बांध टूटा ...... और वो जोर से तेज आवाज में चीखा " तारा आ आ आ "






Continue........

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